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शिक्षा मनुष्य को मानव धर्म का कराती है बोध-अजीत पांडेय

शिक्षा मनुष्य को मानव धर्म का कराती है बोध-अजीत पांडेय

शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर शिक्षकों का सम्मान--

मुंगरा बादशाहपुर। शिक्षा के बिना मनुष्य पशु के समान है। शिक्षा ना सिर्फ मनुष्य को मानव धर्म का बोध कराती है बल्कि शिक्षा से सामाजिक कुरीतियों का नाश भी होता है। उक्त बातें कस्बे के स्पेक्ट्रम पिनाका इंस्टिट्यूट शिक्षा संस्थान में शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित शिक्षा संगोष्ठी व शिक्षक सम्मान समारोह में संस्था के संस्थापक अजीत कुमार पांडेय ने शिक्षकों व बच्चों के बीच कहीं। छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज के इस युग में शिक्षा ग्रहण करना न सिर्फ प्रत्येक छात्र की ड्यूटी है बल्कि जरूरत भी। वर्तमान परिवेश में शिक्षकों की जिम्मेवारी और बढ़ गई है। कार्यक्रम की शुरुआत संस्था के डायरेक्टर डॉ शेखर आनंद पांडे व संस्थापक अजीत पांडेय ने मां सरस्वती व पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली

राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया। वक्ताओं में राकेश मिश्रा, पूर्व प्रधानाचार्य माता प्रसाद चौरसिया, राजन सिंह, डॉक्टर सुधाकर द्विवेदी,आदर्श तिवारी व धीरेंद्र शुक्ला ने संयुक्त रुप से कहा कि विषयगत शिक्षकों की पढ़ाई के साथ बच्चों के लिए तकनीकी शिक्षा भी उतनी ही जरूरी है। साथ वक्ताओं ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन वृत्तांत पर प्रकाश डाला। संस्था के डायरेक्टर डॉ शेखर पांडे व सह डायरेक्टर अनुपम पांडेय ने 21 शिक्षकों को अंगवस्त्रम व उपहार तथा सम्मान पत्र देकर सम्मानित कर उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की गई। संस्था के छात्र छात्राओं ने शिक्षक दिवस पर अपने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के अंत में संस्थापक अजीत कुमार पांडेय ने एक दिवसीय

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भवन का फीता काटकर शुभारंभ किया। एम सेवन ग्रुप फूलपुर के कलाकारों  द्वारा शिक्षकों के सम्मान में पेस सजा दो घर को गुलशन सा मेरे सरकार आए... गीत पर समूचा सभा तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजामान हो उठा. कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्रधानाचार्य माता प्रसाद चौरसिया तथा संचालन प्रतिभा यादव ने किया। हरे कृष्ण पांडे, एसएस पांडे, उमाशंकर चौरसिया, विजय दुबे, अनिल चौबे, राजन सिंह, राकेश मिश्रा, आदर्श तिवारी, धीरेंद्र शुक्ला व रत्नाकर तिवारी आदि लोग मौजूद रहे।

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