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मृत्युभोज सामाजिक कलंक है, इसे बंद कर देना चाहिए- सुषमा पटेल

मृत्युभोज सामाजिक कलंक है, इसे बंद कर देना चाहिए- सुषमा पटेल

 श्रद्धांजलि समारोह में  मृत्युभोज पर हुई चर्चा-

मुंगरा बादशाहपुर। क्षेत्र के गांव रज्जू पुर सरायबिका में अखिल भारतीय कुर्मी सभा के बैनर तले कुर्मी सभा के जिला  संरक्षक छोटेलाल पटेल की माता रजनी  देवी पटेल का श्रद्धांजलि  समारोह का आयोजन किया गया। इस तरह उपस्थित लोगों ने दिवंगत रजनी देवी पटेल के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस दौरान मुख्य अतिथि  पूर्व विधायक डॉ सुषमा पटेल ने 


     श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि मृत्युभोज  सामाजिक कलंक है। बंद कर देना चाहिए। ऐसी प्रथा जो कई साल पहले भूखे लोगों के लिए शुरू की गई थी लेकिन समय के साथ इनमें बदलाव आए आज यह प्रथा गरीब लोगों के लिए अभी शराब बन गई है ।ऐसी प्रथाओं को समाज निर्णय की दृष्टि से देखें तो जल्द ही इसके अच्छे परिणाम आ सकते हैं। हम जल्द ऐसी प्रथाओं को बंद करवाने के उद्देश्य से समाज के लोगों को एक होना चाहिए।मेरठ जज फूलचंद पटेल ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मृत्यु भोज एक बुराई है। बुराई को जितना कम किया जाए उतना ही अच्छा है । कुप्रथा हमारे समाज में
सैकड़ों सालों से फैली हुई है। इस प्रथम में कई गरीब परिवार पीस चुके हैं। यदि इस प्रथा को बंद करने का प्रयास नहीं किया गया तो, इसकी जड़े और अधिक गहरी होती जाएंगी। मृत्यु भोज  कुरीति नहीं नहीं बल्कि सामाजिक कलंक भी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता लाल जी पटेल तथा संचालन शरद पटेल ने किया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य राजपति पटेल, शैलेंद्र साहू, लाला यादव, राजू पटेल, सुरेंद्र पटेल, मुन्ना पटेल, अमृत लाल पटेल, शिवराम पटेल, शेष नारायण पटेल, वीरेंद्र पटेल नीलू, सुमित वर्मा, व दीपक पटेल आदि लोग मौजूद रहे।

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